Ek kadam safalta ki or
Safalta quotes in Hindi
कल एक सुप्रभात मेसेज मिला, लिखा था कि सफलता ऐसा शिक्षक है, जो हमारे अंदर एक भ्रम पैदा करता है कि हम असफल हो ही नहीं सकते। मुझे इस वाक्य ने प्रभावित किया। जिन्होंने पूरे जीवन संघर्ष के साथ निरंतर सफलता हासिल की है, उसके लिए तो यह बात नहीं कही जा सकती , पर एक बार की सफलता से जीवनभर शानोशौकत और प्रभाव प्राप्त करने वाले भ्रम क्या, झूठे अभिमान में जीया करते हैं।
प्रकृति के अधिकांश नियम निश्चित ही होते हैं , हां यदा कदा कुछ अपवाद अवश्य उपस्थित होते रहते है। ऐसा नहीं है कि अपवाद यूं ही उपस्थित हो जाते हैं , दरअसल अपवादों का भी एक अलग नियम होता है। जब हम कई बार लगातार एक तरह की घटना के कार्य करण संबंध को देखते हुए कोई नियम बनाते हैं , तो उस समय तक हमें अपवाद की जानकारी नहीं होती है , पर जब जब नियमों को काम करते नहीं देखते हैं , विश्लेषण करने पर हमें वो अपवाद दिखाई पडते हैं। सैकडों हजारो प्रयोंगो में से एक दो बार वैसे अपवाद दिखाई पडते हैं , पर उसे इग्नोर करते हुए अधिकांश जगहों पर हम नियम के अनुसार ही काम करते हैं।
Safalta pane ka mantra
‘मेहनत करने से सफलता मिलती ही है , जो जैसा करेगा वो वैसा ही भरेगा’ इस यथार्थ भरे वाक्य में भी हमें बहुत अपवाद देखने को मिलते हैं। हमारे नजर के सामने हर सुख सुविधा से संपन्न आलसी और कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे पुरूषार्थी देखने को मिलेंगे। कोई भी मनुष्य पूर्ण नहीं हो सकता है , कर्तब्य पथ पर चलते हुए कोई न कोई गल्ती कर ही बैठता है , पर प्रकृति से मिलने वाले सहयोग के कारण उस गल्ती का कोई दुष्परिणाम सफल लोगों के जीवन में देखने को नहीं मिलता। इसलिए जीवन में अनायास सफलता प्राप्त करनेवाले व्यक्ति भले ही सफल लोगों की श्रेणी में आ जाते हों , पर वास्तव में वे अनुभवी नहीं होते। असफल होते हुए भी अनुभवी तो वे होते हैं , जिनकी छोटी छोटी चूक से बडा बडा नुकसान होता आया है। इसलिए वे हर काम में हुए अपनी या व्यवस्था की खामियों को उजागर कर सकते हैं , उससे बचने के लिए पहले ही तैयार रहने के लिए लोगों को सलाह दे सकते हैं।
इतने लंबे जीवन में कहीं भी कोई मोड आ सकता है , जिससे आगे बढने पर या तो फूलों से भरी या कांटों से भरी सडक हमारा इंतजार कर रही होती है । सभी स्वीकार करते हैं कि सुख भरे दिन में कुछ सीखने का मौका नहीं मिलता। लेकिन जब भी हम कठिनाइयों के दौर से गुजरते हैं , दिन ब दिन कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। बडों की बाते छोड दें , विपत्ति झेल रहे लोगों के बच्चे बालपन में ही समझदारी भरी बात किया करते हैं। इस तरह उबड खाबड रास्तों पर चलकर , विपत्ति को झेलकर देर से ही सही , पुरूषार्थी को मंजिल मिलती है। इसलिए जरूरत है असफल पुरूषार्थियों से कुछ सीख लेने की , न कि अनायास सफलता पानेवालों से , क्यूंकि मेरा मानना है कि अपने निर्णयों के सही होने से वे सफलता के झंडे तो गाड सकते हैं , पर जीवन में किसी प्रकार की अनहोनी नहीं आने से वे अनुभवी नहीं बन सकते , इसलिए दूसरों को सलाह देने में असफल व्यक्ति ही अधिक सक्षम होते हैं।